Mahila Samman vs Sukanya Yojana: महिला सम्मान या सुकन्या योजना? निवेश से पहले जानें कौन दे रहा है सबसे ज्यादा रिटर्न

Mahila Samman vs Sukanya Yojana: महिला सम्मान या सुकन्या योजना? निवेश से पहले जानें कौन दे रहा है सबसे ज्यादा रिटर्न
महिला सम्मान या सुकन्या योजना? निवेश से पहले जानें कौन दे रहा है सबसे ज्यादा रिटर्न

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) और महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट (Mahila Samman Saving Certificate) दोनों ही केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही लोकप्रिय सेविंग स्कीम्स हैं, जिनका उद्देश्य बेटियों और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। दोनों योजनाओं में बेहतर ब्याज दर (Interest Rate) का लाभ मिलता है और टैक्स छूट का भी प्रावधान है। हालांकि, निवेशकों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि इनमें से कौन-सी स्कीम अधिक लाभकारी है? आइए इन दोनों योजनाओं की विशेषताओं, ब्याज दर और निवेश अवधि को समझकर यह तय करें कि किसमें निवेश करना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

सुकन्या समृद्धि योजना: बेटियों के भविष्य की मजबूत नींव

सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत जनवरी 2015 में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत की गई थी। यह योजना खासतौर पर 10 साल से कम उम्र की बेटियों के लिए चलाई जाती है, जिसमें अभिभावक या माता-पिता निवेश करते हैं। इस स्कीम में वर्तमान में 8.2% सालाना ब्याज दर मिल रही है, जोकि तिमाही आधार पर सरकार द्वारा रिवाइज की जाती है। यह योजना लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

इस स्कीम में न्यूनतम निवेश 250 रुपये से शुरू होता है, जबकि अधिकतम 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष तक किया जा सकता है। निवेश की अवधि 15 साल की होती है, जबकि मैच्योरिटी 21 साल में होती है। टैक्स छूट की बात करें तो यह योजना EEE कैटेगरी में आती है, यानी निवेश की राशि, ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम—तीनों टैक्स फ्री होती हैं।

महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट: दो साल में पक्का रिटर्न

महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट (Mahila Samman Saving Certificate) एक सीमित अवधि के लिए शुरू की गई योजना है, जिसे 2023-24 के बजट में पेश किया गया था। यह योजना खासतौर पर महिलाओं और बालिकाओं के लिए है, जिसमें वे सीधे अपने नाम से निवेश कर सकती हैं। इस स्कीम में फिलहाल 7.5% का सालाना ब्याज मिल रहा है, जो कि क्वार्टरली कंपाउंड होता है। योजना की मैच्योरिटी अवधि केवल दो साल है।

महिला सम्मान सर्टिफिकेट में न्यूनतम निवेश 1,000 रुपये है, जबकि अधिकतम 2 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है। इस स्कीम में ब्याज की गणना त्रैमासिक होती है और मैच्योरिटी पर मूलधन के साथ-साथ ब्याज की पूरी राशि प्राप्त होती है। इस योजना का फायदा यह है कि यह कम अवधि में निश्चित और आकर्षक रिटर्न प्रदान करती है, और इसे पोस्ट ऑफिस या किसी अधिकृत बैंक शाखा से खरीदा जा सकता है।

कौन-सी योजना है ज्यादा बेहतर?

अगर निवेश की अवधि और उद्देश्य को देखा जाए तो दोनों योजनाएं अलग-अलग जरूरतों के लिए बेहतर हैं। सुकन्या समृद्धि योजना लंबी अवधि के लिए है और इसका मुख्य उद्देश्य बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए आर्थिक सुरक्षा देना है। वहीं महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट अल्पकालिक निवेश के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जहां दो साल में अच्छा ब्याज प्राप्त किया जा सकता है।

सुकन्या योजना में टैक्स छूट का फायदा तीनों स्तर पर मिलता है, जो इसे टैक्स सेविंग के लिहाज से भी आकर्षक बनाता है। दूसरी ओर, महिला सम्मान सर्टिफिकेट में टैक्स छूट सिर्फ निवेश की राशि पर मिलती है, जबकि ब्याज पर टैक्स लगता है।

ब्याज दर की तुलना और जोखिम का स्तर

दोनों योजनाएं सरकार द्वारा समर्थित हैं, इसलिए इनमें जोखिम बिल्कुल नहीं है। ब्याज दर की बात करें तो सुकन्या समृद्धि योजना में 8.2% ब्याज मिलता है, जो महिला सम्मान सर्टिफिकेट की 7.5% ब्याज दर से थोड़ा अधिक है। हालांकि, महिला सम्मान योजना की अवधि सिर्फ दो साल की है, जिससे जल्दी रिटर्न मिल जाता है।

अगर कोई निवेशक बेटी के भविष्य के लिए लंबे समय तक निवेश करना चाहता है, तो सुकन्या योजना उत्तम है। लेकिन अगर कोई महिला अल्पकालिक निवेश से अच्छा रिटर्न चाहती है, तो महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट उसके लिए सही विकल्प हो सकता है।

कहां और कैसे करें निवेश?

सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने के लिए बेटी का जन्म प्रमाण पत्र और अभिभावक का पहचान पत्र (Aadhaar Card, PAN आदि) आवश्यक होता है। इसे किसी भी पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंक की शाखा में जाकर खोला जा सकता है। वहीं, महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट भी पोस्ट ऑफिस और चुनिंदा बैंकों के माध्यम से खरीदा जा सकता है। दोनों स्कीम्स के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन की सुविधा उपलब्ध है।

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