
केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2025 से Unified Pension Scheme (UPS) लागू करने जा रही है। यह योजना देश भर के करोड़ों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत बनकर आ सकती है, खासकर उनके लिए जो भविष्य की आर्थिक सुरक्षा को लेकर चिंतित रहते हैं। इस नई स्कीम के तहत पात्र कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 50 फीसदी गारंटीड पेंशन की सुविधा मिलेगी। सरकार इस स्कीम को देश की पेंशन प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से शुरू कर रही है।
Unified Pension Scheme: क्या है ये नई योजना?
Unified Pension Scheme एक एकीकृत पेंशन प्रणाली है, जिसे केंद्र सरकार ने मौजूदा National Pension Scheme (NPS) और अन्य राज्य स्तरीय पेंशन योजनाओं की विसंगतियों को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया है। UPS के तहत एक ऐसा ढांचा तैयार किया गया है, जिसमें कर्मचारियों को न्यूनतम 50% पेंशन गारंटी के रूप में प्राप्त होगी, जो उनके अंतिम वेतन के आधार पर तय की जाएगी। इससे पहले NPS के तहत कर्मचारियों को बाजार आधारित रिटर्न मिलता था, जिसमें गारंटी नहीं थी।
किसे मिलेगा Unified Pension Scheme का लाभ?
इस योजना का लाभ फिलहाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलेगा, जो NPS के तहत 2004 के बाद नियुक्त हुए थे। इन कर्मचारियों की संख्या करीब 8 लाख के आसपास है। राज्य सरकारें चाहें तो इस स्कीम को अपनाने के लिए स्वतंत्र होंगी, लेकिन वर्तमान में UPS को केंद्र स्तर पर ही लागू किया जा रहा है।
यह योजना उन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आई है, जो लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग कर रहे थे। हालांकि, यह पूरी तरह से पुरानी पेंशन योजना (OPS) की तरह नहीं है, लेकिन इसमें गारंटी पेंशन के साथ-साथ कुछ अन्य लाभ भी जोड़े गए हैं।
कैसे मिलेगा 50% गारंटीड पेंशन का लाभ?
Unified Pension Scheme के अंतर्गत कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय के आखिरी बेसिक वेतन का 50% पेंशन के रूप में सुनिश्चित किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का अंतिम बेसिक वेतन ₹80,000 है, तो उसे रिटायरमेंट के बाद ₹40,000 प्रति माह की गारंटीड पेंशन मिलेगी।
इस योजना में सरकार और कर्मचारी दोनों का योगदान पहले की ही तरह जारी रहेगा, लेकिन सरकार अतिरिक्त फंडिंग की जिम्मेदारी भी लेगी ताकि पेंशन की गारंटी सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, UPS को पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा मॉनिटर किया जाएगा ताकि इसकी पारदर्शिता बनी रहे।
पुरानी पेंशन योजना और NPS में क्या था फर्क?
पुरानी पेंशन योजना (OPS) में रिटायरमेंट के बाद पेंशन राशि सरकार द्वारा तय की जाती थी और पूरी तरह से गारंटीड होती थी। इसमें कर्मचारी का योगदान नहीं होता था। वहीं National Pension Scheme (NPS) एक Market-linked Scheme थी, जिसमें कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान करते थे लेकिन पेंशन की राशि निवेश के रिटर्न पर निर्भर करती थी।
NPS की इसी अनिश्चितता के कारण वर्षों से कर्मचारी इसकी आलोचना कर रहे थे। Unified Pension Scheme इस असमंजस को दूर करने की दिशा में एक ठोस कदम है क्योंकि यह NPS की संरचना के साथ-साथ पेंशन गारंटी की सुरक्षा भी प्रदान करती है।
राज्य सरकारों की भूमिका और स्थिति
हालांकि UPS को केंद्र सरकार द्वारा लागू किया जा रहा है, लेकिन राज्य सरकारों के लिए इसे अपनाना अनिवार्य नहीं है। कुछ राज्य पहले ही पुरानी पेंशन योजना की बहाली की ओर बढ़ चुके हैं, जैसे राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब आदि। वहीं, कुछ राज्य UPS को एक मध्य रास्ता मानकर इसकी ओर झुक सकते हैं क्योंकि इसमें NPS की पारदर्शिता और OPS की सुरक्षा दोनों का समावेश है।
राज्यों की वित्तीय स्थिति के मद्देनजर UPS को एक स्थायी समाधान माना जा सकता है क्योंकि यह वित्तीय अनुशासन के साथ सामाजिक सुरक्षा को संतुलित करता है।
विशेषज्ञों की राय और संभावित असर
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि Unified Pension Scheme एक बड़ी नीति पहल है जो भविष्य में देश की पेंशन व्यवस्था को संतुलित बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। यह स्कीम कर्मचारियों के बीच विश्वास बहाल कर सकती है कि सरकार उनके भविष्य को लेकर गंभीर है।
वहीं, इसका दीर्घकालिक असर सरकारी वित्त पर भी पड़ेगा, इसलिए इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसे किस प्रकार लागू और मैनेज किया जाता है। अगर इसे सही तरह से क्रियान्वित किया गया, तो यह सतत सामाजिक सुरक्षा मॉडल बन सकता है।
कब से और कैसे लागू होगी यह योजना?
Unified Pension Scheme को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया जा रहा है। इसका लाभ उन्हें मिलेगा जो NPS के तहत शामिल हैं और केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं। इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा और संबंधित विभागों को विस्तृत दिशा-निर्देश पहले ही भेजे जा चुके हैं।
सरकार की योजना है कि आने वाले समय में इसे और अधिक व्यापक बनाते हुए राज्य कर्मचारियों और अन्य संगठित क्षेत्रों तक भी पहुंचाया जाए।